Wednesday 30 December 2015

विभिन्न वाक्यो के अनुवाद के नियम


Translation of Different Sentences

( the study of correct position of words )


विभिन्न वाक्यो के अनुवाद के नियम


यह पहिले बताया जा चूका है कि अनुवाद के लिए हिंदी शब्द के अंग्रेजी शब्द जान लेना ही आवश्यक नही है , वरन् किसी हिंदी शब्द की अंग्रेजी , वाक्य के किस स्थान पर रख्खी जाती है , जानना भी आवश्यक है । हिंदी वाक्य में शब्द जिस तरतीब या क्रम से रक्खे हुए होते है अंग्रेजी अनुवाद में वह शब्द क्रम बदल जाता है । विभिन्न वाक्यों में शब्द विभिन्न क्रम से रक्खे जाते है । अतः यहाँ यह बताया जा रहा है कि विभिन्न प्रकार के वाक्यो में किस शब्द की अंग्रेजी के बाद किस शब्द की अंग्रेजी रखी जाती है ।


Translation of Simple Sentence

( साधारण वाक्यों का अनुवाद )


पहिचान : -


यह जानने के पहिले कि साधारण वाक्य का अनुवाद कैसे किया जाय , विधार्थी के मन में स्वतः यह प्रश्न उठता है कि हिन्दी में साधारण वाक्य को कैसे पहिचाना जाय । जब हम जान लेगे कि अमुक हिन्दी का वाक्य साधारण वाक्य है तभी हम नियमानुसार अनुवाद करेगे । एक साधारण वाक्य साधारण बोलचाल का वह वाक्य है जिसमे किसी प्रकार का निषेध् , प्रश्न , आज्ञा , शर्त न पाई जाय । इसकी सरल पहिचान यह है कि इसमें नही , क्या , कौन , कब , कहाँ , क्यों , कैसे , यदि , अगर आदि शब्दों का प्रयोग नही होता है । ये इन शब्दों से रहित होने के कारण साधारण या सादे वाक्य होते है । जैसे " सत्यप्रकाश प्रतिदिन सायंकाल गंगा के तट पर टहलने जाता है " । यह एक साधारण वाक्य है । अब हमें यह देखना है कि साधारण वाक्य का अनुवाद किस प्रकार किया जाय ।


How to Translate ?


( 1 ) सर्वप्रथम कौन , किसने , किन्होंने के उत्तर की अंग्रेजी : -

साधारण वाक्य में सबसे पहिले वाक्य के अंतिम शब्द के पहिले कौन , किसने , किन्होंने , का प्रश्न करना चाहिये । उपरोक्त प्रश्नो के उत्तर में जो शब्द आता है या आते है वे कर्ता या Subject कहलाते है । प्रश्न करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जितने अधिक से अधिक शब्द उत्तर में आ सके उनकी एक साथ अंग्रेजी सबसे पहिले बना दी जाय । उदाहरण के लिए " राम का छोटा भाई प्रतिदिन सायंकाल गंगा के तट पर टहलने जाता है " । अतः प्रश्न किया कौन टहलने जाता है ? उत्तर आया " राम का छोटा भाई " अतः अनुवाद में Ram's younger brother सबसे पहिले रक्खा जाएगा । इस प्रकार सबसे पहिले Subject ( कर्ता ) आता है ।

( 2 ) फिर वाक्य के अंतिम शब्द ( क्रिया ) की अंग्रेजी : -

साधारण वाक्यो में कर्ता की अंग्रेजी बनाने के पश्चात क्रिया ( verb ) जो कि हिन्दी के वाक्य का अंतिम शब्द होता है उसकी अंग्रेजी बनाई जाती है । जैसे " राम का छोटा भाई प्रतिदिन सायंकाल गंगा के तट पर टहलने जाता है " । यदि इस वाक्य का अनुवाद करना है तो पहले कर्ता Ram's younger brother रखना होगा फिर इस वाक्य का अन्तिम शब्द " जाता है " की अंग्रेजी " goes " रखनी पड़ेगी।

नॉट : -

कर्ता के अनुवाद के पश्चात् क्रिया का अनुवाद करना चाहिए , ' परन्तु ' , ' अक्सर ' , ' सदैव ' , ' कभी नहीं ' , यदि इन शब्दों का प्रयोग वाक्य में किया गया हो तो इनकी अंग्रेजी कर्ता और क्रिया की अंग्रेजी के बीच में रखनी चाहिए । जैसे " वह कभी नहीं झूठ बोलता है " का अनुवाद He never tells a lie . होगा ।

( 3 ) तीसरे स्थान पर क्या , किसको , किनको , के उत्तर ( कर्म ) की अंग्रेजी : -

साधारण वाक्य में कर्ता की अंग्रेजी , फिर क्रिया की अंग्रेजी बनाने के पश्चात् वाक्य के अन्तिम शब्द के बाद में क्या , किसको , किनको का प्रश्न करना चाहिए । अधिक से अधिक जितने शब्द उत्तर में आये उनकी अंग्रेजी क्रिया के अनुवाद के बाद में रखना चाहिए । जैसे " सत्यप्रकाश जी अपने भाषण में हमें सुनहरी शिक्षायें देते है " । इस वाक्य के ऊपर दिए गए नियमो के अनुसार " सत्यप्रकाश " कर्ता तथा " देते है " क्रिया है । अतः सबसे पहले क्रमशः इन दोनों की अंग्रेजी " Satya Prakash gives " बना दी जाय । फिर अंतिम शब्द देते है , के साथ ' क्या ' का प्रश्न किया जाये । क्या देते है ? " सुनहरी शिक्षाये " यही अधिक से अधिक उत्तर आता । अतः इसकी अंग्रेजी golden lessons उसके बाद में रक्खी जायेगी । इस प्रकार अनुवाद Satya Prakash gives golden lessons हो जायेगा । क्या , किसकी , किनको , के उत्तर में object या कर्म आता है । अतः कर्ता क्रिया के बाद कर्म की अंग्रेजी बानायी जाती है ।

( 4 ) अन्त में कब , कैसे के उत्तर की अंग्रेजी रखना चाहिए : -


कर्ता , फिर क्रिया , फिर कर्म की अंग्रेजी बनाने के बाद वाक्य के अन्तिम शब्द ( क्रिया ) में कैसे का प्रश्न करना चाहिए और जो कुछ उत्तर आये उसका अनुवाद कर्ता , क्रिया , कर्म के अनुवाद के बाद रखना चाहिए । जैसे " सत्यप्रकाश प्रतिदिन सायंकाल गंगा के तट पर धीरे - धीरे टहलते है " । यदि इस वाक्य का अनुवाद करना हो तो इस वाक्य में " सत्यप्रकाश " कर्ता , "टहलते है " क्रिया , कर्म है ही नहीं अतः इनकी क्रमशः अंग्रेजी बना ली Satya Prakash walks . अब टहलते है के साथ में कैसे का प्रश्न किया तो उत्तर आता है " धीरे - धीरे " अतः इसकी अंग्रेजी Slowly बाद में रख ली अब अनुवाद हो गया - Satya Prakash walks slowly . अब कहाँ का प्रश्न किया तो उत्तर आता है " गंगा के तट पर " इसकी अंग्रेजी On the bank of Ganges . इसको भी वाक्य के बाद में जोड़ लिया । Satya Prakash walks slowly on the bank of the Ganges . इसी प्रकार कब का प्रश्न करके " प्रतिदिन सायंकाल " की अंग्रेजी daily in the evening और जोड़ लिया इस प्रकार पुरे वाक्य का अंग्रेजी अनुवाद हो गया - Satya Prakash walks slowly on the bank of the Ganges daily in the evening .

नोट : -

मैं , पर , से , के लिए , का , की , के , ये शब्द विभक्तिया या Preposition कहलाते है । इनकी अंग्रेजी उस शब्द की अंग्रेजी के पहले बनाई जाती है जिस शब्द के बाद हिन्दी में इनका प्रयोग किया गया हो । जब कई एक शब्द इनके जुड़े हुऐ हो तो वहां उल्टी ओर से अंग्रेजी बनाना चाहिए । जैसे " गंगा के तट पर " की अंग्रेजी " On the bank of the Ganges " उल्टी ओर से बनाई गई है ।

( 5 ) उपरोक्त नियम कहाँ लागू नहीं होते ? : -

यों तो सबसे पहले कर्ता , फिर क्रिया , फिर कर्म , का अनुवाद किया जाता है । परंतु जब किसी कहानी के आरम्भ होने वाले वाक्य में अकर्मक क्रिया वह क्रिया जिसका कर्म न हो सके उसका प्रयोग किया गया हो तो कर्ता के स्थान पर There और फिर क्रिया के अनुवाद के पश्चात् कर्ता की अंग्रेजी बनाई जाती है । जैसे - " बर्लिन के घने जंगलो के पास एक लोमड़ी रहती थी " । There lived a fox in the dense forest of Berlin .

उपरोक्त नियमो को ध्यान में रख कर साधारण वाक्य का अनुवाद करना है :


Translation of Negative Sentences


पहिचान : -

यह जानने से पहिले कि नकारात्मक वाक्यो का अनुवाद किस प्रकार किया जाय यह जानना आवश्यक होता है कि नकारात्मक वाक्य किसे कहते है ? उनकी पहचान क्या है ? यदि किसी साधारण वाक्य में नहीँ शब्द का प्रयोग कर दिया जाय तो वह नकारात्मक वाक्य बन जाता है । " सत्यप्रकाश प्रतिदिन गंगा के तट पर टहलने जाता है " । यह एक साधारण वाक्य है । परन्तु यदि इसी वाक्य में " नहीं " शब्द जोड़ दिया जाय तो यह एक नकारात्मक वाक्य बन जाएगा । इस प्रकार " सत्यप्रकाश प्रतिदिन गंगा के तट पर टहलने नहीं जाता " । यह एक नकारात्मक वाक्य है । अब यह जानना है कि इस प्रकार के वाक्यो का अनुवाद किस प्रकार किया जाय ?


How to Translate ?


( 1 ) सर्वप्रथम कर्ता की अंग्रेजी : -

जिस प्रकार साधारण वाक्य में सबसे पहले कौन , किसने , किन्होंने , का प्रश्न करके जो अधिक से अधिक उत्तर आता है उसकी अंग्रेजी बनाई जाती है , नकारात्मक वाक्य में ये ही प्रश्न करके जो कर्ता ( subject ) उत्तर में आता है उसकी अंग्रेजी बना दी जाती है । जैसे " राम का छोटा भाई रोज टहलने नहीं जाता है " । इसका अनुवाद करने के लिए सबसे पहले कर्ता ढूढेंगे । कौन टहलने नहीं जाता है ? " राम का छोटा भाई " अतः सबसे पहले कर्ता की अंग्रेजी Ram's younger brother बनाई जाएगी ।

( 2 ) फिर सहायक क्रिया रखी जाती है : -

नकारात्मक वाक्य में कर्ता के अनुवाद के पश्चात is , are , am , was , were , has , have , had , can , could , may , might , shall , should , will , would , do , does , did इन सहायक क्रियाओ में जो tense के अनुसार उचित ही रक्खी जाती है । किस tense में कौन सी सहायक क्रिया का प्रयोग किया जाता है यह समझाया जाएगा । उदाहरण के लिए " राम का छोटा भाई रोज टहलने नहीं जाता है " । इसमें कर्ता की अंग्रेजी " Ram's younger brother " के पश्चात् does सहायक क्रिया का प्रयोग किया जाएगा ।

( 3 ) तत्पश्चात ' नहीं ' शब्द की अंग्रेजी : -

नकारात्मक वाक्य में कर्ता की अंग्रेजी फिर उचित सहायक क्रिया की अंग्रेजी रक्खी जाती है इसके पश्चात् नहीं की अंग्रेजी ' not ' रक्खी जाती है । इस प्रकार " राम का छोटा भाई रोज टहलने नहीं जाता है " । के अनुवाद के लिए पहले कर्ता " Ram's younger brother " फिर सहायक क्रिया does फिर नहीं का अनुवाद not आयेगा ।

( 4 ) फिर मुख्य क्रिया का अनुवाद किया जाता है : -


कर्ता सहायक क्रिया not रखने के बाद जो मुख्य क्रिया होती है अर्थात् जो शब्द हिन्दी वाक्य के अन्त में आता है उसका अनुवाद किया जाता है । इस प्रकार " राम का छोटा भाई रोज टहलने नहीं जाता है " के अनुवाद के लिए पहले कर्ता " Ram's younger brother " फिर सहायक क्रिया " does " फिर not इसके बाद " जाता है " का अनुवाद रख्खा जाएगा । कब मुख्य क्रिया का कौन सा रूप प्रयोग किया जाता है यह tense के chapter में समझाया जायेगा ।

( 5 ) शेष शब्दों का अनुवाद साधारण वाक्य की तरह : -

कर्ता , सहायक क्रिया , not , मुख्य क्रिया के अनुवाद के पश्चात साधारण वाक्य की तरह क्या , किसको , या किनको का प्रश्न करना चाहिए । फिर जो कुछ उत्तर में आये उसका अनुवाद कर देना चाहिए । फिर कब , कहाँ , कैसे आदि के प्रश्न के उत्तर का अनुवाद करना चाहिए । यह साधारण वाक्य के अनुवाद में समझा दिया गया है ।


Translation of Interrogative Sentences

( प्रश्नवाचक वाक्यो का अनुवाद )


पहिचान : -

प्रश्नवाचक वाक्य वे होते है जिनमे कोई प्रश्न किया जाता है । इन वाक्यो की सरल पहिचान यह है कि इनमे क्या , कौन , किसका , किसको , कब , कहाँ , किसे , क्यों , आदि प्रश्न प्रगट करने वाले शब्दों का प्रयोग किया जाता है और अन्त में ' ? ' प्रश्नवाचक शब्द लगा रहता है । जैसे " राम का छोटा भाई रोज कहाँ टहलने जाता है ? " इस वाक्य में " कहाँ " प्रश्नवाचक शब्द है तथा अन्त में " ? " प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किया गया है । अतः यह एक प्रश्नवाचक वाक्य है ।


How to Translate


( 1 ) सबसे पहले प्रश्नवाचक शब्द या सहायक क्रिया : -

प्रश्नवाचक वाक्य दो प्रकार के होते है । एक तो वे है जिनमे " क्या " शब्द का प्रयोग सबसे पहले किया जाता है । जैसे " क्या राम का छोटा भाई रोज टहलने जाता है ? " ऐसे वाक्यो के अनुवाद में सर्वप्रथम is , are , am , was , were , do , does , did , has , have , had , can , could , may , might , shall , should , will , would . इन सहायक क्रियाओ में जो उचित सहायक क्रिया tense के अनुसार हो , रखी जाती है और इस प्रकार के वाक्यो में " क्या " शब्द की अंग्रेजी नहीं बनाई जाती है । कौनसी सहायक क्रिया किस tense के साथ में प्रयोग की जाती है tense के अध्ययन करने पर ज्ञात होगा ।

दूसरे प्रकार के प्रश्नवाचक वाक्य वे वाक्य है जिनमे प्रश्नवाचक शब्द क्या , कब , कैसे , कहाँ आदि का प्रयोग वाक्य के बीच में होता है आरम्भ में नहीं , तो ऐसे वाक्यो के अनुवाद में सबसे पहले प्रश्नवाचक शब्द क्या , कब , कैसे आदि शब्दों में जो शब्द वाक्य में प्रयुक्त हुआ हो , उसकी अंग्रेजी बनाई जाती है , फिर सहायक क्रिया की अंग्रेजी बनाई जाती है ।

दोनों प्रकार के वाक्यो का उदाहरण लीजिए । " क्या राम का छोटा भाई टहलने जाता है ? " इसमें क्या सर्वप्रथम आया है अतः अनुवाद करने के लिए सबसे पहले does सहायक क्रिया का प्रयोग किया जाएगा तथा इनमे " क्या " शब्द का अनुवाद नही किया जायेगा । " राम का छोटा भाई कहाँ टहलने जाता है ? " इसमें " कहाँ " शब्द जो प्रश्नवाचक है उसका प्रयोग वाक्य के बीच में हुआ है अतः सबसे पहले " कहाँ " का अनुवाद " Where " रक्खा जायेगा फिर इसके बाद में सहायक क्रिया " does " रक्खी जायगी क्योंकि यह tense के अनुसार यहाँ उचित है ।

( 2 ) फिर कर्ता की अंग्रेजी : -

प्रश्नवाचक वाक्य में जब सहायक क्रिया का अनुवाद कर लिया जाय , तो उसके बाद में कर्ता की अंग्रेजी अर्थात् जो शब्द क्रिया के साथ कौन , किसने , किन्होंने , के प्रश्न के उत्तर में आता है उसकी अंग्रेजी बनाई जाती है । " राम का भाई रोज कहाँ टहलने जाता है ? " इस वाक्य के अनुवाद में पहिले प्रश्नवाचक " where " फिर " does " रखने के बाद कर्ता राम का भाई की अंग्रेजी Ram's brother बनाई जायेगी ।


( 3 ) फिर मुख्य क्रिया का अनुवाद : -

जब कर्ता की अंग्रेजी बना ली जाय तो वाक्य की मुख्य क्रिया का अनुवाद करना चाहिए । " राम का भाई कहाँ टहलने जाता है ? " इस वाक्य की मुख्य क्रिया " जाना है " । कर्ता के बाद इसका अनुवाद किया जाएगा । इस प्रकार सबसे पहले प्रश्नवाचक शब्द " where " फिर सहायक क्रिया " does " फिर कर्ता " Ram's brother " रखने के बाद " जाना " का अनुवाद " go " अपने tense के अनुसार रक्खा जायेगा । इस प्रकार अनुवाद हो गया " Where does Ram's brother go ? .

( 4 ) मुख्य क्रिया के पश्चात कर्म का अनुवाद : -

मुख्य क्रिया के अनुवाद के पश्चात् क्या , किसका , किनको , का प्रश्न क्रिया में करना चाहिए । जो कुछ उत्तर आये उसकी अंग्रेजी बना देना चाहिए । यदि वाक्य में कर्म न हो तो कुछ न रखकर शेष शब्दों का अनुवाद करने की ओर ध्यान देना चाहिए ।

( 5 ) अन्त में शेष शब्दों का अनुवाद साधारण वाक्य की तरह : -

कर्म के अनुवाद के पश्चात् कब , कहाँ , कैसे आदि का प्रश्न करके जो उत्तर आए उसकी अंग्रेजी बना देना चाहिए । उदाहरण के लिए " राम का भाई रोज अपनी पुस्तक कहाँ पढता है ? " इस वाक्य के अनुवाद के लिए सबसे पहिले प्रश्नवाचक शब्द की अंग्रेजी " where " फिर सहायक क्रिया " does " फिर कर्ता " Ram's brother " फिर मुख्य क्रिया " read " फिर कर्म " his book " इसके बाद " कब " का उत्तर " रोज " की अंग्रेजी " daily " बनेगी । इस प्रकार पुरे वाक्य का अनुवाद " Where does Ram's brother read his book daily ? " बन गया । यह ध्यान रहे कि प्रश्नवाचक वाक्य के अनुवाद के अन्त में " ? " प्रश्नवाचक चिन्ह अवश्य लगा देना चाहिए । इस प्रकार प्रश्नवाचक वाक्यों का अनुवाद करना चाहिए ।


Translation of Imperative Sentences


पहिचान : -

आज्ञासूचक वाक्य वे वाक्य है जिनसे किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है । इनकी सरल पहचान यह है कि हिन्दी के वाक्य के अन्त में " ओ " या " इये " जुड़ा होता है । जैसे " तुम अपना कर्त्तव्य पालन करो " । इस वाक्य में " करो " शब्द में " ओ " जुड़ा है अतः यह वाक्य एक आज्ञासुचक वाक्य है । अब हमे यह जानना है कि इस प्रकार के वाक्यो का अनुवाद किस प्रकार किया जाय ।


How to Translate ?


( 1 ) सर्वप्रथम क्रिया की अंग्रेजी : -

आज्ञासुचक वाक्य भी दो प्रकार के होते है । एक तो वे होते है जिनमे " नहीं " , " मत " शब्द का प्रयोग किया जाता है । जिनमे " नहीं " , " मत " शब्द का प्रयोग नहीं होता है उनकी अंग्रेजी बनाने के लिए सबसे पहले क्रिया का अनुवाद किया जाता है और अंग्रेजी की क्रिया का पहिला रूप रक्खा जाता है । जैसे " अपना कर्त्तव्य पालन करो " । इस वाक्य के अनुवाद के लिए " पालन करो " की अंग्रेजी " discharge " सबसे पहिले रक्खी जायेगी ।

यदि आज्ञासुचक वाक्य में " नहीं " , तथा " मत " शब्द का प्रयोग किया गया हो तो इनका अनुवाद करने के लिए सबसे पहिले " do not " फिर मुख्य क्रिया का पहिला रूप रखना चाहिए । जैसे " झूठ मत बोलो " का अनुवाद " Do not tell a lie " होगा ।

नोट : -


सदैव तथा कभी नहीं की अंग्रेजी क्रिया के पहिले आती है ।

( 2 ) क्रिया के अनुवाद के बाद कर्म तथा फिर कब , कहाँ , कैसे के उत्तर का अनुवाद साधारण वाक्यो की तरह : -


मुख्य क्रिया के अनुवाद के पश्चात् क्या , किसको , या किनको का प्रश्न करना चाहिए , फिर जो कुछ उत्तर आए उनकी अंग्रेजी बना देना चाहिए । इसके पश्चात् कैसे , कहाँ , कब का प्रश्न करके जो उत्तर आये उसकी अंग्रेजी जैसा साधारण वाक्य में बताया गया है उसके अनुसार बना देना चाहिए । उदाहरण के लिए " अँधेरी रात में सड़क पर धीरे - धीरे चलो " । इस वाक्य का अनुवाद उपरोक्त नियमानुसार " Walk slowly on the road in the dark night. " होगा ।

( 3 ) कर्ता की अंग्रेजी छिपा दी जाती है या बिलकुल अन्त में आती है : -

आज्ञासुचक वाक्य में " तुम " की अंग्रेजी छिपा दी जाती है । जैसे " तुम सदैव सत्य बोलो " । " Always speak the truth." यहाँ तुम की अंग्रेजी छिपा दी गई है । परन्तु तुम के अतिरिक्त यदि किसी को संबोधित करके कहा जाय तो अन्त में सम्बोधित व्यक्ति की अंग्रेजी बनाना चाहिए । जैसे " राम , यहाँ आओ " Come here , Ram. यह अनुवाद होगा ।

आज्ञासुचक वाक्यो का अनुवाद उपरोक्त नियमो के अनुसार होता है ।


Translation of Exclamatory Sentences

( आश्चर्यबोधक वाक्यो का अनुवाद )


पहिचान : -

आश्चर्यबोधक वाक्य वे वाक्य है जिनमे हर्ष , विषाद , विस्मय इत्यादि प्रगट किया गया हो । इनकी सरल पहिचान यह है कि इन वाक्यो के अन्त में " ! " आश्चर्यबोधक चिन्ह लगा रहता है । इन वाक्यो का अनुवाद करने में निम्नलिखित नियमो का पालन करना चाहिए ।


How to Translate ?


( 1 ) सर्वप्रथम आश्चर्य प्रगट करने वाले शब्दों का अनुवाद : -

आश्चर्यबोधक वाक्यो में सबसे पहले उन शब्दों का अनुवाद किया जाता है जिनमे हर्ष , विषाद , या विस्मय प्रगट हो । उदाहरण के लिए " दुःख ! उसके मित्र का कल स्वर्गवास हो गया " इस वाक्य में दुःख शब्द का अनुवाद " Alas " ! सबसे पहले किया जाएगा । इसी प्रकार " श्याम कितना अच्छा बालक है ! " इस वाक्य में " कितना अच्छा " शब्द आश्चर्य प्रगट करता है  अतः " How good " सबसे पहिले लिखा जायेगा ।

( 2 ) फिर साधारण वाक्य की भाँती अनुवाद : -

आश्चर्यबोधक शब्दों का अनुवाद करने के पश्चात् फिर कर्ता , क्रिया , कर्म , कब , कहाँ , के उत्तर का अनुवाद , जैसा की साधारण वाक्य में समझाया गया है करना चाहिए । उदहारण के लिए " राम कितने धीरे - धीरे अपने कमरे में आज सबेरे आम खा रहा है ! " इस वाक्य का अनुवाद करने के लिए सबसे पहले आश्चर्यबोधक शब्द " कितने धीरे - धीरे " " How slowly " फिर कर्ता " Ram " फिर क्रिया " is eating " फिर कर्म " a mango " फिर कब , कहाँ , के उत्तर का अनुवाद " in his room this morning " किया जायेगा । इस प्रकार अनुवाद हुआ " How slowly Ram is eating a mango in his room this morning ! "

( 3 ) अन्त में आश्चर्य बोधक चिन्ह : -

सभी शब्दों का अनुवाद करने के पश्चात् आश्चर्यबोधक चिन्ह " ! " लगा देना चाहिए । जैसा कि ऊपर दिए गए उदहारण में किया है ।



Translation fo Optative Sentences

( इच्छात्मक वाक्यो का अनुवाद )


पहिचान : -

जिन वाक्यो में इच्छा , शुभकामना आदि प्रगट किया जाता है वे इच्छात्मक वाक्य कहलाते है जैसे " वह बहुत दिन तक जीवित रहे " । " गांधी जी चिरंजीवी हो " " ईश्वर करे वह परीक्षा में पास हो जाये " । अब यह जानना है कि इनका अनुवाद किस प्रकार किया जाय ।


How to Translate ?


( 1 ) इस प्रकार के वाक्यो में प्रायः May सहायक क्रिया पहले आती है । फिर कर्ता की अंग्रेजी तथा इसके पश्चात् क्रिया आदि का अनुवाद किया जाता है ।जैसे " वह बहुत दिन जीवित रहे " । का अनुवाद " May he live long होगा । " ईश्वर करे वह परीक्षा में पास हो जाये " । इस वाक्य का अनुवाद भी इसी प्रकार होगा । " May God bless him with success in the examination." इसी प्रकार अन्य इच्छात्मक वाक्यो का अनुवाद किया जा सकता है ।


सारांश : -

अनुवाद में शब्दों का क्रम कैसा हो ?


सा : - कर्ता , क्रिया , कर्म ।

नका : - कर्ता , सहायक क्रिया , not , मुख्य क्रिया , कर्म आदि ।

प्रश्न : -

( 1 ) प्रश्नवाचक शब्द , सहायक क्रिया , कर्ता , मुख्य क्रिया , कर्म आदि ।

( 2 ) सहायक क्रिया , कर्ता , मुख्य क्रिया , कर्म आदि

आज्ञासुचक : - क्रिया , कर्म आदि अन्त में सम्बन्धित शब्द ।

आश्चर्यबोधक : - आश्चर्यबोधक शब्द , कर्ता , क्रिया , कर्म आदि ।

इच्छात्मक : - May , सहायक क्रिया , कर्ता , क्रिया आदि ।





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